8 जून 2009

जीवन परिचय

भारतीय जनता युवा मोर्चा के अध्यक्ष अमित ठाकर का जन्म 17 जुलाई 1971 को अमदाबाद के
संघ के संस्कार वाले एक परिवार में हुआ। बचपन से ही अमित अपने चाचा के कंधे पर सवार होकर
संघ की शाखा में जाया करते थे। यहीं से जो संस्कार मिला उसने होश संभालने के बाद तेजी से
रंग लाना शुरू किया।

अमित ने जब से अपने पैरों पर चलना शुरू किया तबसे संघ की शाखा में जाना उनकी दिनचर्या में
शामिल हो गया। अमदाबाद के संघ के प्रचारकों और अपने चाचा के जरिए मिलने वाली
महापुरुषों की जीवनी और उनके कृत्यों वाली पुस्तिकाओं ने अमित के मन में देशप्रेम की जड़ों को
गहरा किया। यहीं से उन्हें स्वकेन्द्रित जीवन जीने के बजाए देश के लिए कुछ करते हुए अपना
जीवन गुजारने की प्रेरणा मिली। उम्र के उस शुरुआती दौर में ही अमित ने देश के लिए जीने को
ही अपना जीवन लक्ष्य बना लिया। उन्होंने सिर्फ लक्ष्य ही नहीं तय किया बल्कि उसके अनुरूप
कर्म भी करते रहे। यहां से वे आगे बढ़ते गए और उन्होंने पूरे गुजरात में बहुत जल्दी ही अपनी
सामाजिक सक्रियता और आम जन के प्रति जुड़ाव के कारण अपनी एक अलग पहचान कायम कर ली।
लोगों के साथ घुलने-मिलने की क्षमता और उनकी समस्याओं को समझने की संवेदना का विकास
अमित में बचपन से ही हुआ। इसी का नतीजा था कि तीसरी कक्षा में ही अमित कक्षा
प्रतिनिधि बन गए। छठी कक्षा में पहुंचते ही वे स्कूल प्रतिनिधि बन गए। यहीं से उनमें नेतृत्व
क्षमता और संगठन कला के विकास की शुरुआत हुई। अमित जब कॉलेज में गए तो वहां भी छात्रों
के नुमाइंदे के तौर पर चुने गए और अपनी कार्यक्षमता और कार्यशैली से एक अलग असर छोड़ा। वे
अमदाबाद के एलजे कॉमर्स कालेज के विद्यार्थी थे और 1991 में उन्हें कॉलेज का महासचिव चुना
गया था। इसके बाद उन्हें 1993 में गुजरात विश्वविद्यालय के सिनेट का सदस्य चुन लिया गया।
इसके बाद 1995 में उन्हें गुजरात विश्वविद्यालय का सिंडिकेट सदस्य चुना गया। बतौर सिंडिकेट
सदस्य अमित उस समय से लेकर अब तक अपनी जिम्मेदारियों को बखूबी अंजाम दे रहे हैं।

इन सबके साथ-साथ अमित का संघ के साथ लगाव बढ़ता ही गया। अब उनका काम सिर्फ शाखा
जाना नहीं रह गया था बल्कि शाखा विस्तार में भी वे अहम भूमिका निभाने लगे थे। संघ
प्रचारकों के निर्देश पर अमित के कार्यक्षेत्र का विस्तार हुआ और वे अखिल भारतीय
विद्यार्थी परिषद् के लिए भी काम करने लगे। उनके काम करने के प्रभावशाली ढंग ने उन्हें बहुत
जल्दी अमदाबाद शहर के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का सचिव बना दिया। वे इस पद
पर 1989-90 यानी सिर्फ एक साल रहे। उनके काम से प्रभावित होकर उन्हें 1990 में पूरे
गुजरात के अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् का संयुक्त सचिव बना दिया गया। इस पद पर वे
1994 तक रहे। इसके बाद 1995 में उन्हें गुजरात में भारतीय जनता पार्टी के यूथ विंग भारतीय
जनता युवा मोर्चा का राज्य सचिव बनाया गया। इस पद पर वे 1997 तक काम करते रहे। इस
दरम्यान उनके काम करने के अंदाज और जनता से जुड़े कई मुद्दों को सही समय पर उठा कर उसे
अंजाम तक पहुंचाने की क्षमता ने अपना असर दिखाया और 1997 में उन्हें भारतीय जनता युवा
मोर्चा, गुजरात प्रदेश का अध्यक्ष बना दिया गया। इस पद पर वे 2005 तक रहे और काफी
सक्रियता के साथ काम करते रहे।

उस समय तक उनके काम का दायरा और उसकी धमक गुजरात से बाहर तक जाने लगी थी। इस
बात को भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं ने भी महसूस किया। पार्टी को लगा कि अमित
की उपयोगिता राष्ट्रीय स्तर पर है। इसी बात को ध्यान में रखते हुए 2004 में उन्हें भारतीय
जनता युवा मोर्चा का राष्ट्रीय महासचिव बनाया गया। इसके बाद उनके काम से प्रभावित
होकर उनके कार्यों में विस्तार देते हुए पार्टी ने फरवरी 2007 में उन्हें भारतीय जनता युवा
मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिया। अमित के इस पद पर पहुंचना सही मायने में संघ,
अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् और भाजपा के सामान्य कार्यकर्ताओं के लिए एक प्रेरणा का
स्रोत बन गया। उनके अंदर यह विश्वास जागा कि एक साधारण परिवार का लड़का अमित
ठाकर जब वहां तक पहुंच सकता है तो भाजपा जैसी लोकतांत्रिक पार्टी में वे भी अपके कार्य
की बदौलत कामयाबी का सफर तय कर सकते हैं। बतौर भारतीय जनता युवा मोर्चा अध्यक्ष
अमित ठाकर सराहनीय कार्य कर रहे हैं और भाजपा के बड़े फैसलों में भी अहम भूमिका निभा रहे हैं।
अमित ठाकर को गुजरात के चेस एसोशियेशन का अध्यक्ष 2002 में बनाया गया था। उस वक्त से
अब तक वे इस जिम्मेवारी का निर्वहन कर रहे हैं।
2003 में जब भारत के तात्कालिन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने चीन की यात्रा की
थी तो भारत सरकार के तरफ से गए यूथ डेलिगेशन में अमित ठाकर भी शामिल थे। इसके बाद बुश
सरकार की निमंत्रण पर युवा राजनेता के तौर पर अमेरिका ने भारत के राजनीतिक दलों का
प्रतिनिधित्व किया। इसके अलावा अमित 52 देशों के प्रतिनिधियों के आतंकवाद पर आयोजित
एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के भी सहभागी रहे। अमित ने भारत सरकार द्वारा आयोजित युवा
संसद में भी अपने राज्य गुजरात का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं।

अमित के नेतृत्व में अब तक कई बड़े आयोजन बेहद सफलतापूर्वक अंजाम तक पहुंचाए गए। अमदाबाद
में अखिल भारतीय शतरंज टूर्नामेंट के सफल आयोजन का श्रेय भी अमित को जाता है। इसके
अलावा छात्र राजनीति के दौरान अमित हर साल गर्मी की छुट्टियों में ग्रामीण विकास
कार्यक्रम आयोजित किया करते थे। समाज में जागरूकता फैलाने के मकसद से अमित के नेतृत्व में
गुजरात में कई कैंप लगाए गए और कई कैंपेन चलाए गए। इसके अलावा छात्रों से जुड़े कई मसलों पर
आंदोलन चलाने और उसे अंजाम तक पहुंचाने का श्रेय भी अमित को जाता है। सरदार वल्लभ भाई
पटेल की जयंती के मौके पर गुजरात गौरव सम्मेलन का सफल आयोजन भी अमित के नेतृत्व में हुआ
था। इसके अलावा गुजरात में कई बड़ी रैलियों के आयोजन का श्रेय भी अमित ठाकर को जाता
है। उल्लेखनीय है कि अमित जब छात्र नेता थे तब से ही इनकी रैलियों में बड़ी संख्या में लोग
जुटते रहे हैं। यह इस बात की पुष्टि करता है कि अमित के कामों से वहां के लोग भलीभांति
परिचित हैं और वे उन्हें देखने और सुनने के लिए बड़ी संख्या में स्वाभाविक तौर पर एकत्रित हो
जाते थे।

आज अमित ठाकर के रूप में देश के सामने एक ऐसा युवा नेता है जिसने कामयाबी की मिसाल
कायम की है। जो एक बेहद सामान्य परिवार से निकलकर देश की सबसे बड़ी लोकतांत्रिक
पार्टी भाजपा के यूथ विंग भारतीय जनता युवा मोर्चा का अखिल भारतीय अध्यक्ष बन गया
है। अमित जिस तरह कामयाबी की डगर पर चल रहे हैं उसे देखते हुए वह दिन दूर नहीं जब वे
राष्ट्रीय राजनीति में प्रत्यक्ष तौर पर और भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए नजर आएं।

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